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Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika in Hindi | सलातुल तस्बीह की नमाज़

आज हम देखेंगे Salatul Tasbeeh ki Namaz. और इसी के साथ जानेंगे इस सलातुल तस्बीह की नमाज़ के बारे में कुछ खास बातें। तब चलिए देखते हैं, Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika in Hindi-


Salatul Tasbeeh ki Namaz


Salatul Tasbeeh ki Namaz


Salatul Tasbeeh ki Namaz एक प्रकार की नफ़्ल की नमाज है। जिसको खुदा के करीब जाने के लिए पढा जाता है, और इस नमाज़ को पढ़ने से खुदा की रहमत पाने के लिए पढा जाता है।

सलातुल तस्बीह की नमाज़ को इस्लाम मे बेहद खास माना जाता है। इस नमाज़ के सलातुल तस्बीह कहे जाने का कारण इसमे एक खास तस्बीह का होना है।

जो किसी को भी इस नमाज को पढ़ते समय 300 बार बढ़ी जाती है। इसलिए यह नमाज़ दूसरी हमको से थोड़ी सी अलग और खास है।

इसलिए इस नमाज़ (Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika in Hindi) को खास “तस्बीह की नमाज़” के नाम से जाना जाता है, अब जान लेते हैं, की आखिर इस नमाज़ को कैसे पढा जाए-

“300 बार” पढ़ी जाने वाली वह खास तस्बीह है-


” सुब हल लाही वल हम्दु लिल लाही वला इलाहा इल्लल लाहु वल लाहु अकबर “


सलातुल तस्बीह की नमाज़


हमने नीचे इस नमाज़ को पढ़ने के लिए कुछ खास बातें बताई हैं, जिससे आपको इस नमाज़ को पढ़ने और समझने में आसानी होगी। तो चलिए शुरू करते हैं-

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Salatul Tasbeeh | पहली रकात


पहली रकात इस नमाज़ का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण भाग है, जो हमने  नीचे बिल्कुल आसान भाषा मे बताया है-

सबसे पहले आप Salatul Tasbeeh ki Namaz in Hindi की शुरुवात करते हुए, खड़े जो जाएं और नियत करें। दिल ही दिल मे नियत करना भी काफी है।

यह पढ़ें- नियत करता या करती हूं, मै चार नफ़्ल नमाज़ सलातुल तस्बीह वास्ते अल्लाह ताला के रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।

इसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए अपने दोनों हाथ बांध लें, और सना पढ़ने की शुरुवात करें।

” सना- सुब हनकल लहुम्मा व बिहमदिका व तबा रकसमुक़ा व ताला जद दुका वला इलाहा गयरुक “।

इस के बाद आपको ऊपर दी गयी खास तस्बीह को 15 बार पढ़ना है।

फिर आपको यह पढ़ना है- ” अउ जु बिल्लाहि मि नस शयता निर रजिम फिर बिस्मिल्लाह हिर रह्मानिर रहीम “

इसके बाद आपको सूरह फातिहा पढ़ना शुरू करना है, अगर आपको सूरह फातिहा याद नहीं है, तब आप हमारी बिल्कुल आसान भाषा मे लिखी हुई सूरह फातिहा भी पढ़ सकते हैं। इस के बाद आपको ऊपर दी गयी खास तस्बीह को 10 बार पढ़ना है।

जब आप सूरह फातिहा पढ़ लेते हैं, तब आपको रकु करना है। रकु करते समय तीन बार सुब्हान रबियाल अजीम आपको पढ़ना है। इस के बाद आपको ऊपर दी गयी खास तस्बीह को 10 बार पढ़ना है (Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika).

जब आप ऊपर दी गयी दुआ को पढ़ लें, तब फिर आपको समी अल लाहु लीमन हमीद कहते हुए 10 बाद तस्बीह पढ़नी है, और फिर सीधे अपनी जगह पर खड़े होकर सजदे में जाना है। उसके बाद आपको अल्लाहु अकबर कहकर तीन बारी सुबहाना रब बियल आला बोलना है। इसको पढ़ने के बाद आपको और दस बार तस्बीह पढ़नी है।

सजदा करने के बाद बैठ जाएं, और 10 बारी तस्बीह पढ़ें। और फिर दूसरे सजदे के लिए जाएं और 10 बारी दुआ फिर पढ़ें।

इसके बाद आप को अल्लाहु अकबर कहते हुए अपनी जगह में खड़े हो जाना है। यह रकात पूरी हुई। और इस रकात में अपने कुल मिलाकर 75 बार तस्बीह की दुआ पढ़ी।


Salatul Tasbeeh Namaz | दूसरी रकात


दूसरी, तीसरी, और चौथी रिकातें भी आपको पहली रकात की तरह ही पड़नी है, और जैसा कि हमने पहली रकात में 75 बारी तस्बीह की दुआ पढ़ी, उसी तरह कुल चारों रकातों को मिलाकर आपको 300 बार तस्बीह की दुआ पढ़नी है।

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Salatul Tasbeeh ki Namaz in Hindi | के बारे में


Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika in Hindi


दोस्तों इस्लाम धर्म मे बहुत सारी नमाज़ें हैं, जिन्हें अलग अलग समय मे अलग अलग अवसरों पर पढा जाता है, ऐसे में इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण नमाज़ है, Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika in Hindi.

इस नमाज़ का सलातुल तस्बीह की नमाज़ रखने का कारण इस नमाज़ में एक खास तस्बीह है,

जो हमने ऊपर दी है, इस तस्बीह को इस पूरी नमाज़ में 300 बार पढा जाता है। जो इस नमाज़ को दूसरी नमाजों से खास और अलग बनाती है। माना जाता है,

की इस नमाज़ को पढ़ने से इंसान खुदा करीब जाता है,और उसे खुदा की रहमत भी मिलती है। इसलिए अगर आप भी आज तक इस खास नमाज को नहीं पढ़ रहे थे,

तब आज से ही पढ़ना शुरू कीजिए, और देखिए आपकी जिंदगी में किस प्रकार के परिवर्तन आते हैं।


सलातुल तस्बीह की नमाज़ को पढ़ने के फायदे


सलातुल तस्बीह की नमाज़


दोस्तों हर नमाज को किसी न किसी खास फायदे और खुदा की रहमत पाने के लिए ही पढा जाता है, ऐसे में हर नमाज़ के अपने अपने फायदे हैं, Salatul Tasbeeh ki Namaz के भी अपने कुछ फायदे हैं। इनमे से कुछ मुख्य फायदे हमने नीचे बताए हैं, जिनकों पढ़कर आप इस नमाज़ को सही से समझ सकते हैं।

1. Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika को पढ़ने का सबसे बड़ा उददेश्य खुदा की रहमत पाने के लिए पढा जाता है। आप रोजाना इस नमाज़ को पढ़कर खुदा की रहमत पा सकते हैं।

2. बहुत से लोगों का मानना है, की इस दुआ को पढ़ने के बाद घर मे बरक्कत होना शुरू हो जाता है, यदि आपके घर मे बरक्कत नहीं जो पा रही है, तब आप इस नमाज़ को जरूर पढ़ें, आपको जरूर फायदा देखने को मिलेगा।

3. अगर आपका कोई ऐसा काम है, जो रुक गया है, पूरा नहीं हो पा रहा है , तब आपको इस नमाज़ को रोजाना पढ़ना चाहिए, ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जिन्हें इस नमाज़ को पढ़कर उनके रुके हुए काम मे वृद्धि देखने को मिली है।

4. यदि आप किसी जॉब या बिज़नेस की तैयारी में जुटे हैं, और उसे आने वाले समय मे सफल बनाना चाहते हैं, तब आपको इस नमाज़ को जरूर पढ़ना चाहिए, आपको कामयाबी देखने को मिल सकती है।

दोस्तों हमे खुदा के ऊपर भरोसा रखना चाहिए, खुदा हमेशा हर किसी का भला ही करता है, आपको खुदा के ऊपर भरोसा करकर अपना काम बड़ी मेहनत से करना चाहिए,

हमने ऊपर जितने भी इस Salatul Tasbeeh ki Namaz को पढ़ने के फायदे बताए हैं, यह तभी पूरे हो सकते हैं, जब आप दिल लगाकर उस काम मे मेहनत करें, जिसे आप पूरा करना चाहते हों।

और फिर सब खुदा पर छोड़ दीजिए। कहते हैं, न खुदा भी उसी की मदद करता है, जो दिल लगाकर मेहनत करे।


Conclusion | Salatul Tasbeeh ki Namaz


आज हमने पढ़ी, Salatul Tasbeeh ki Namaz. आशा करते हैं, आपको आज की हमारी यह पोस्ट पसन्द आईज़ और इससे बहुत कुछ सीखने को मिला।

दोस्तों Salatul Namaz इस्लाम मे एक बहुत खास नमाज़ मानी जाती है, इसे सभी लोगों को पढ़नी चाहिए।

आज का यह Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika in Hindi पोस्ट आपको कैसा लगा, बताइयेगा जरूर हमे कमैंट्स में। और ऐसी ही जानकारी युक्त पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहिये हमारे साथ।

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