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Best Fatiha Ka Tarika in Hindi | फातिहा का तरिका- Fateha Ka Tareeqa

आज की इस पोस्ट में आप जानेंगे कि सही फातिहा का तरीका (Fatiha ka Tarika) क्या है। और सुन्नत तरीके से फातिहा कैसे दी जाए। तो चलिए जानते हैं, फातिहा का तरीका-


fatiha ka tarika


Fatiha Ka Tarika | फातिहा का तरिका –


फातिहा देने के लिए सबसे पहले वुजू कर लें। वुजू करने के बाद किबला रुख करके बैठ जाएं, किबला रुख बैठने के बाद जिस चीज पर फातिहा देनी हो, (या इसाले सवाब देना हो) उसे अपने सामने की तरफ रख लें।

जिसपर फातिहा लगाना है, अगर वह चीज ढकी हुई है तो उसे खोल कर रखें। और आखिर में अगरबत्ती जला लें। अब आप फातिहा देने के लिए तैयार हैं।


फातिहा का तरीका-


फातिहा पढ़ने के लिए आपको सबसे पहले 3 बार दरूद शरीफ पढ़नी होगी, तीन बार दरूद शरीफ पढ़ने के बाद आपको यह सूरह पढ़नी होंगी, जो यह हैं-

  • सूरह काफिरूँन  (1 बार)
  • सूरह इखलास  (3 बार)
  • सूरह फलक  (1 बार)
  • सूरह नास  (1 बार)
  • सूरह फातिहा  (1 बार)
  • सूरह बकराह  (1 बार)

अगर आपको दरूद शरीफ या फातिहा लगाने के लिए इन सुरहों मे से कोई सी भी सूरह याद नहीं है, तो आप यहां से देख सकते हैं।

यह पढ़ें- दुआ ए कुनूत हिंदी

यह पढ़ें- आयतुल कुर्सी


दरूद शरीफ


बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

अल्लाहुमा सल्ली अला मुहम्मद।
अल्लाहुमा सल्ली अलैहि व सल्लिम।।

3 बार दरूद शरीफ पढ़ने के बाद एक बार सूरह काफिरूँन पढ़ें-


fatiha dene ka tarika


सूरह काफिरूँन (Fatiha ka Tarika in Hindi)


बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

कुल या अय्यूहल काफिरूँन
ला अ अबुदू मा तबुदउँ
वला अंतुम आ बिदुना मा अ अबुदू
वला अना अबिदुम मा अबित तुम
वला अंतुम अबिदुना मा अ अबुद
लकुम दिनुकूम वलय दीन।।

( तुम कह दो अपने ईमान से इनकार और नफरत करने वालो, नहि तो में उस की तरफदारी करता हूँ जिसकी तुम इबादत करते हो। और तुम भी उसकी तरफदारी नहीं करते हो जिसकी में इबादत करता हूँ।

और यह भी लाज़मी है कि मैं उसकी इबादत कभी न करूंगा जिसकी तुम तरफदारी करते हो। और तुम भी कभी उस की इबादत नही करोगे जिसकी इबादत में करता हूँ। इसलिए यह लाज़मी है तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन और मेरे लिए मेरा दीन। )

(Fateha ka Tareeqa) फातिहा देने के लिए सूरह काफिरूँन के बाद अब आपको सूरह इखलास पढ़ना होगा और अगर आपको सूरह इखलास नहीं आती, तो यह पढ़ें-


सूरह इखलास (Surah Fatiha in Hindi)


बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

कुल हुवल लाहु अहद
अल्लाहुस समद
लम यदिल वलम यूलद
वलम युकुल लहू कुफुवन अहद।

( आप यह कह सकते हैं, कि अल्लाह केवल एक ही है, अल्लाह बेनियाज़ है। अल्लाह न हि तो किसी का वालिद है, और न ही वह किसी का वारिस है। और इस पूरे जहां में अल्लाह के बराबर कोई भी नही है। )

फातिहा में सूरह इखलास पढ़ने के बाद अब आप पढेंगे, सूरह फलक जिसको फातिहा देते वख्त एक बार ही पढ़ना है।


सूरह फ़लक (Fatiha ka Tarika Hindi me)


बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

कुल अऊजु बिरब्बिल फलक
मिन शररि मा ख़लक़
वमिन शररि ग़ासिकिन इज़ा वकब
वमिन शररिन नफ़ फ़ासाति फ़िल उक़द
वमिन शररि हासिदिन इज़ा हसद।।

( आप यह कह दें, कि मैं सुबह के रब से पनाह मांगता हूँ। कायनात के सारे मख़लूक़ात के सर से, और अंधेरी रात के सर से, सारी औरतों के सर से, और हसद करने वालों के सर से में पनाह मांगता हूँ। )

सूरह फ़लक के बाद अब आपको पढ़नी होगी सूरह नास, जिसको भी आपको 1 बार ही पढ़ना है। और अगर आपको सूरह नास नहीं आती है तो आप यह सूरह नास देख सकते हैं-


सूरह नास (Fatiha ka Tarika in Hindi)


बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

कुल आउजु विरब बिन नास
माली किन नास
मिन शर रिल विसवासिल खन्नास
अल्ल्जी युवस विसु फि सुदुरिन नास
मिनल जिन्नति वन नास

( आपको यह कहना है, कि मैं पनाह में आता हूँ उन कायनात के सभी लोगों के प्रवर दीगार से, सभी लोगों के बादशाहों से सभी लोगों के ममुद से, उसके खन्नास से जो वसवसा डालते हैं। जो लोगो मे वसवसा डालते हैं। सभी इंसानों में। )

फातिहा के सही तरीके में एक बार सूरह नास पढ़ने के बाद अब बारी आती है, सूरह फातिहा के पढ़ने की। जिसे भी एक बार ही पढ़ना है। तब चलिए पढ़ते हैं सूरह फातिहा-


सूरह फातिहा (Fateha ka Tareeqa in Hindi)


बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

अल्हम्दु लिल्लाहे रब्बिल आलमीन
अर्रहमान निर्रहीम*मालिके यौमिद्दीन
इय्याका नअबुदु वइय्याका नस्तईन
इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम
सिरातल लज़ीना अनअम्ता अलैहिम गै़रिल मग़दूबे अलैहिम वलद दॉल्लीन

( अल्लाह पूरी कायनात का मालिक है, और उसमें सारी खूबियां हैं। वह सभी पर दया करता है, और वह बहुत रहमत वाला है। उसी को इंसाफ के दिन के नाम से भी जाना जाता है।

हम और सभी तुझी को पूजना चाहते हैं, और तुझी से हर चीज की सलाह लेना चाहते हैं। सभी को सही रास्ते पर चलाना तेरे ही ऊपरहै। तूने कई लोगों को सही रास्ता दिखाकर अपना एहसान दिखाया है। )

फातिहा के तरीके में अब आखिर में आपको पढ़ना होगा, सूरह बकरा, जिसे और सुरहों कि तरह ही एक बार पढ़ना है, आपको यह बताते चलें कि सूरह बकराह कुरान पाक की सबसे बड़ी आयत है। और अगर आपको यह नहीं आती है, तो यहां से पढ़िये-


सूरह बकरा (Fatiha Karne ka Tarika)


बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

अलिफ लाम मीम।

यह सारी सूरह पढ़ने के बाद अब आपने फातिहा पढ़ लिया है, फातिहा पढ़ने के बाद अब यह बख्शने का तरीका पढ़िये, जिससे आपका फातिहा सफल होगा।


बख्शने का तरीका (Fatiha ki Dua)-


हे अल्लाह मेने आपकी सुरहें पढ़ीं, इन्हें कुबूल फरमा, और अगर मेरे पढ़ने में कोई गलती हुई है, तो मुझे अपना बच्चा समझ उसे माफ कर देना।


सुरहों के फायदे-


फातिहा का तरिका


सूरह इख़लास के फायदे (Fatiha dene ka Tarika)-


  • सूरह इखलास वैसे तो क़ुरान की एक बहुत छोटी सी सूरह है, पर माना जाता है, इसकी अहमियत बहुत ज्यादे है।
  • लोगों का मानना है, सूरह इखलास के पढ़ने से दिमागी विकास होता है।
  • और आप जो इस समय कर रहे हैं (काम या पढ़ाई) , उसमे कामयाबी मिलती है।
  • इसे रोजाना पढ़ने से मुश्किल वख्त जल्द जी गुजर जाता है,और एक नई शुरुआत होती है।

सूरह बकराह के फायदे (Fatiha ka Tarika)-


  • सूरह बकराह कुरान की सबसे बड़ी आयात मानी जाती है, इसमें 286 आयतें हैं। और यह सूरह अल फातिहा के बाद सबसे बड़ी सूरह भी है। इस सूरह को पढ़ने के कई सारे फायदे हैं। जो पढ़ने वाले को अदा होती हैं। सूरह बकराह पढ़ने वालों का दिल मज़बूत होता है, और एक नई जिंदगी का एहसास होता है।
  • सूरह बकराह में कुरान की सबसे महत्वपूर्ण आयात है, जिसे आयतल कुर्सी के नाम से भी जाना जाता है। महान लोग आयतल कुर्सी को दिन में पाँच बार पढ़ने के लिए कहते हैं।
  • सूरह अल बकराह आपको परेशानियों और दिक्कतों से दूर रखती हैं।
  • कई महान लोगों का कहना है, की सूरह बकराह सोते समय इफाजत करती है।
  • कई लोगों का मानना है कि सूरह बकराह पढ़ने से बरकत आती है। और आप सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं।
  • सूरह बकराह बुरे लोगों से आपको दूर रखने में मदद करती है, और आपकी इफाजत करती है।

सूरह फातिहा के फायदे (Fateha ka Tareeqa)-


  • माना जाता है, की सूरह फातिहा हर उस काम में सफलता लाती है, जिस काम के लिए इसे पढ़ जाए।
  • सूरह फातिहा का दूसरा अर्थ नजात देने वाली भी होती है। जो लोग अपने काम मे बढ़ोतरी करना चाहते हैं उन्हें रोज 28 बार सूरह फातिहा पढ़ना चाहिए। स्वास्थ्य और आमदनी भी अच्छी बानी रहती है।

Fatiha ka Tarika Conclusion


fateha ka tareeqa


हम आपको बता देना चाहते हैं, कुछ लोग समझते हैं, कि सिर्फ आदमी यानि मर्द ही फातिहा दे सकते हैं, पर ऐसा नहीं है। अगर किसी कारण से फातिहा देने के लिए मर्द नही है, तो औरत भी फातिहा दे सकती है।

आज आपने जानी Fatiha ka Tarika in Hindi. आशा करते हैं आपको सही फातिहा का तरीका आ गया होगा। Fatiha Karne ka Tarika ऐसी ही जानकारी पढ़ने के लिए बने रहें हमारे साथ।

7 thoughts on “Best Fatiha Ka Tarika in Hindi | फातिहा का तरिका- Fateha Ka Tareeqa

  • Very helpful thank you jazakallah

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  • What to do to the food offered during prayers

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  • JazakAllah Aapka ….. bahot hi helpful hai

    Reply
  • Ebrahim aslam seloth

    Very helpful

    Reply
  • Koyes bhee nahi

    Allah ka baccha

    Reply
  • Arshad khan

    ❣️❣️Mashallah. Salluallhabib sallahutala alyahi vaala aalihi sallam💓🙂

    Reply

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