Fajar ki Namaz in Hindi | फजर की नमाज़ | Fajar ki Namaz ka Tarika
नीचे हमने Fajar Ki Namaz का आसान और सही तरीका बताया है। और इसी के साथ बताया है, फजर की नमाज़ के बारे में कुछ खास बातें। तब चलिए देखते हैं, Fajar ki Namaz ka Tarika.
Table of Contents
Fajar Ki Namaz
दोस्तों इस्लाम में किसी भी आम दिनों में 5 नमाज़ें पढ़ी जाती हैं, और सबसे पहली नमाज़ Fajar Ki Namaz है। जिससे हम अपने दिन की शुरुवात करते हैं।
फजर की नमाज़ में दो सुन्नतें, और दो फर्ज होते हैं, यानी कि कुल चार रकात। नीचे हमने बिल्कुल आसान भाषा मे पूरी Fajr ki Namaz को पढ़ने का तरीका 4 भागों बताया है, जिससे आपको समझने में आसानी होगी।
और उसी के नीचे इस नमाज़ से जुड़ी कुछ सावधानियां भी बताई हैं, जिनपर आपको ध्यान देना चाहिए।
यह भी देखें- सूरह फातिहा
यह भी देखें- दुआ ए कुनूत
फजर की नमाज़ भाग 1
Fajar ki Namaz ka Tarika को पढ़ने की शुरुवात करते हुए आपको किबला रुख कर के खड़ा हो जाना है। इस तरह खड़े होएं जो आपके पैरों के बीच मे पांच इंच का अंतर हो।
इसके बाद हमें फजज की नमाज़ की नीयत करनी है, जो कुछ इस तरह है- नियत की मेने दो रकात नमाज़ सुन्नत की, वास्ते अल्लाह ताला के, वक्त फजर का, मुह मेरा काबे शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
इसके बाद हम हाथों को बांध लेंगे, और सना पढ़ना शुरू करेंगे- सुबहाना कल्ला हम्म व बिहमदिका व तबारा कसमुका व त आला जददुका वला इलाहा गेरुका।
इसे पढ़ने के बाद यह पढ़ें- अउजु बिल्लाहि मिनश शै तान निर्जिम बिस्मिल्लाहि रह्मानिर रहीम।
यह हो जाने के बाद अब आपको सूरह फातिहा पढ़नी है, अगर आप को शुरह फातिहा याद नहीं है, तब हमने सूरह फातिहा ऊपर दी है, आप उसे पढ़ सकते हैं (Fajr ki Namaz)।
बाद में आपको कोई भी एक कुरान शरीफ की सूरत पढ़ लेनी है। और जब पढ़ लें, तब रकु में चले जाऐं।
फजर की नमाज़ भाग 2
रकु में अपने घुटनों को अपनी उंगलियों से उंगलिया फैला कर पकड़ें, और कमर तक झुक जाएं।
रकु में जाने के बाद आप जो नीचे हमने तस्बीह दी है, उसे 3 या फिर 5 बार पढ़ें- ” सुबहाना रब्बी अल अजीम “। आपको इस समय अपने पैर के अंगूठे पर निगाहें रखनी हैं।
इसके बाद आपको स्मिअल्लाहु लिमन हमीदह बोलते हुए रकु में खड़े हो जाना है। फिर रबबना व लकल हम्द कहकर अल्लाहु अकबर कहें और सजदे में खड़े हो जाएं।
सजदे में जाते समय आपका हाथ घुटनो पर, घुटने जमीन पर, और बाद में हाथ जमीन पर जाना चाहिए।
इसके बाद नाक जमीन में टिकाकर चेहरा दोनों हाथों के बीच मे रखें। इसके बाद सजदे में आपको यह तस्बीह 3 या 5 बारी बोलनी है- सुबहान रब्बी अल आला” (Fajar ki Namaz ka Tarika)।
फजर की नमाज़ भाग 3
जब आप तस्बीह पढ़ लें, तब आप सजदे से उठकर सीधे बैठ जाएं, बेठेते समय ध्यान रखें, की आपकी उंगलियां किबला रुख की ओर मुड़ी हुई हों।
इसके बाद दोबारा से आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं। और फिर से उल्टे पैर की उँगलियाँ किबला रुख की ओर कर लें।
सजदे में जाकर फिर 3 या 5 बार यह तस्बीह पढ़ें- सुबहान रब्बी अल आला।
और अपने अपने नमाज़ की एक रकात पूरी कर ली (Fajr ki Namaz ka Tarika)।
अब आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़ा होना है, और अपने हाथ बांध लेने हैं। इसके बाद अहमदु शरीफ पढ़े, और इसके बाद आप कोई भी कुरान शरीफ की कोई भी याद सूरत पढ़ लें।
फजर की नमाज़ भाग 4
इसके बाद सजदे में जाकर खुदा की यह तस्बीह को वापस से 3 या 5 बारी पढ़े- सुबहान रब्बी अल आला। फिर अल्लाहु अकबर कहकर सजदे से उठ आराम से बेठ जाएं।
इसके बाद वापस से आपको अल्लाहु अकबर कहकर सजदे में चले जाना है। और ऊपर दी गयी तस्बीह वापस से 5 या 7 बार पढ़नी है।
इसके बाद अल्लाहु अकबर कहकर बैठ जाएं, इसके बाद आपको अहत्तीयात पढ़ना है। अहत्तीयात पढ़ने के बाद दरूद ए इब्राहिम पढ़ना शुरू करें,
जब दरूद ए इब्राहिम पूरी हो जाए, उसके तुरन्त बाद दुआ ए मसुरा पढ़ें। आप हमारी लिखी हुई दुआ ए मसूरा भी पढ़ सकते हैं (Fajr ki Namaz)।
दुआ को पढ़ने के बाद अब एक बार सीधा और उल्टा सलाम फेरें, सलाम कुछ इस तरह है- अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह।
Fajr ki Namaz | के बारे में
दोस्तों हम दिन में पांच नमाज़ पढ़ते हैं, और पांचों नमाजों का अलग अलग महत्व और मतलब होता है। कुछ लोग मानते हैं, की Fajar Ki Namaz सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण नमाज़ है,
पर कुछ लोग मानते हैं, कोई और नमाज़ ज्यादा महत्वपूर्ण है।
किसी के लिए भी उसके दिन की शुरुवात करने से पहले खुदा को याद करना सही माना जाता है, और इसी कारण हम फजर की नमाज़ पढ़ते हैं। फजर की नमाज़ पढ़ते समय हमारे अंदर एक फ्रेशनेस होती है।
इसलिए लोग इस नमाज़ को इतना पसन्द भी करते हैं।
Fajr ki Namaz की नमाज़ जब आप पढ़ रहे हों, तब आप ध्यान रखें, की आपको नमाज़ पढ़ते समय किसी भी तरह का ख्याल अपने दिमाग मे नहीं रखना है, उस समय आपका सारा ध्यान खुदा की इबादत में होना चाहिए।
सुबह उठें, सही से वुजू करें, और इस प्यारी सी नमाज़ को पढ़ें, बहुत से लोगों का मानना है, की फजर की नमाज़ को पढ़ते समय हो जो भी खुदा से मांगते हैं, वो हमें खुदा अता फरमाता हैं।
Fajar ki Namaz ka Tarika | के फायदे
दोस्तों हमने नीचे कुछ ऐसे महत्वपूर्ण फायदे बताए हैं, जो आपको Fajar Ki Namaz पढ़कर मिल सकते हैं।
1. सुबह उठकर अपने खुदा का नाम लेना किसी भी धर्म मे अच्छा माना जाता है, और इससे हमको एक आत्मविश्वास मिलता हैं। इसलिए इस नमाज़ को जरूर पढ़ें।
2. यदि आप Fajr ki Namaz ka Tarika को पढ़ते हैं, तब आपको दिन भर एक फ्रेशनेस महसूस होगी, और आपका हर काम मे मन लगेगा, आपका दिन भी अच्छा बीतेगा।
3. अगर आप अपने ऊपर खुदा का हाथ हमेशा बनाए रखना चाहते हैं, तब रोजाना इस नमाज़ को पढा करें।
Conclusion | Fajar Ki Namaz
दोस्तों आज हमने पढ़ी Fajar Ki Namaz. और उसी के साथ जाना फजर की नमाज़ नमाज़ के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें।
दोस्तों ज्यादातर लोग फजर की नमाज़ को सबसे महत्वपूर्ण नमाज़ के रूप में मानते हैं, और इसे रोजाना पढ़ते हैं, आपको भी अगर समय मिल पाता है, तो आपको इस Fajr ki Namaz को जरूर पढ़ना चाहिए।
आपको आज की हमारी यह Fajar ki Namaz ka Tarika पोस्ट केसी लगी, जरूर बताइयेगा कमैंट्स में, और इसी तरह की जानकारीयुक्त आर्टिकल्स पढ़ने के लिए बने रहिये हमारे साथ।