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Magrib ki Namaz | मग़रिब की नमाज | Magrib ki Namaz ka Tarika

आज हम देखेंगे Magrib Ki Namaz in Hindi. और जानेंगे मग़रिब की नमाज नमाज के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य। तब चलिए देखते हैं, Magrib ki Namaz ka Tarika.


मग़रिब की नमाज


Magrib Ki Namaz


दोस्तों इस्लाम धर्म मे रोजाना पांच नमाज़े पढ़ने का रिवाज है। जो है- फ़ज्र, दुहर, असर, मग़रिब और आखरी ईशा। आज हम देखने वाले हैं, की Magrib Ki Namaz को पढ़ने का सही और आसान तरीका क्या है।

इसी के साथ ही हम जानेंगे, इस नमाज से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और इस नमाज़ के फायदे। मग़रिब की नमाज शाम को 7 बजे के आस पास पढ़ी जाती है।

कुछ लोग इस नमाज़ को उतनी तवज्जो नहीं देते, या पढ़ना भूल जाते हैं। पर आपको बता दें, यह नमाज़ भी अन्य नमाजों के जैसे ही बेहद महत्वपूर्ण और खास है। तब चलिए अब देखते हैं, Magrib ki Namaz ka Tarika.

दोस्तों हम नमाज़ को चार भागों में बाटकर पढ़ना बताया है, जिससे आपको समझने में आसानी होगी। इस नमाज़ में आपको तीन फर्ज, दो सुन्नत, 2 नफ़्ल, और सात रकात पढ़नी हैं।

इसे भी देखें- दुआ ए कुनूत

इसे भी देखें- सूरह फातिहा


Magrib ki Namaz ka Tarika


Magrib ki Namaz ka Tarika


मग़रिब की नमाज़ की तीन फर्ज की नियत-

नियत- नियत की मेने तीन रकात नमाज़ फर्ज की। वास्ते अल्लाह ताला के, वक्त मग़रिब का। मुँह मेरा काबे शरीफ की ओर, अल्लाहु अकबर।

नियत करकर हम अपने दोनों हाथ बांध लेंगे। हाथ आप जैसे ही बांधे, वैसे ही सना पढ़ना शुरू करें। फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़े- जो आउजु बिल्लाहि मिनश शैतान निर्जिम बिस्मिल्लाहि रह्मानिर रहीम है।

इसके बाद आपको सूरह फातिहा पढ़ना शुरू करनी है। आप हमारी लिखी हुई सूरह फातिहा भी पढ़ सकते हैं। सूरह पढ़ने के बाद आपको जो भी एक कुरान की सूरत याद हो पढ़ें।

फिर आपको रकुमे जाना है। रकु में जाने के बाद आपको सजदा करना है। इसके बाद में आपकी 2 रकात पूरी होने के बाद बैठकर एहतियात पढ़ना है।

और जब एहतियात पढ़ लें, तब तीसरी रकात पढ़ने के लिए खड़े हो जाएं (Magrib ki Namaz)।

इस रकात में आपको दो सजदे कर तहशुद में बैठना है। इसके बाद आप एहतियात , दारुद शरीफ, और दुआ मासुरा पढ़ने के बाद सलाम फेर दें। इस तरह आपने तीन रकात मग़रिब की नमाज़ पूरी कर ली।


मग़रिब की नमाज भाग 2


मग़रिब की दो सुन्नत नमाज़ का तरीका- 

नियत- नियत की मेने दो रकात नमाज़ सनी की। वास्ते अल्लाह ताला के, वक्त मग़रिब का, मुह मेरा काबे शरीफ की ओर अल्लाहु अकबर।

अल्लाहु अकबर कहकर अपने दोनों हाथों को बांध लें। और सना पढ़ना शुरू करें- जैसे ही आप सना पढ़ लें, उसके बाद पढ़ें- अउजु बिल्लाहि मिनश शैतान निर्जिम बिस्मिल्लाहि रह्मानिर रहीम।

इसके बाद आपको सूरह फातिहा पढ़नी है, जैसे ही आप सूरह फातिहा पढ़ लें, के बाद आपको कुरान की कोई भी एक सूरत पढ़नी है।

फिर आपको रकु में जाना है। रकु में जाते समय हाथ की उंगलियों से अपने घुटनों को पकड़ें। और सर को कमर के बराबर करकर झुकें।

आपको रकु में यह तस्बीह 3 या 5 बारी पढ़नी है- सुबहान रब्बी अल अजीम। यह पढ़कर आपको समिअल्लाहु लिमन हमीदह कहते हुए खड़े हो जाना है।

और रबबना व लकल हम्द कहकर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाएं (Magrib ki Namaz ka Tarika)।

उसके बाद झुकें और नाक को जमीन में टेकें। अपना चेहरा अपने दोनों हाथों के बीच मे रखें। इसके बाद सजदे में 3 या 5 बार यह तस्बीह सुब्हान रब्बी अल आला पढ़ें।


मग़रिब की नमाज भाग 3


जब आप यह तस्बीह पढ़ लें, तब आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे से उठ बैठना है। इसके बाद दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए किबला रुख में सजदे में जाएं।

सजदे में खुदा की सुबहान रब्बी अल आला तस्बीह पढ़ें। इस तरह आपकी 1 रकात पूरी हुई।

इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएं, हाथ बांधें। इसके बाद अल्हम्दु शरीफ पढ़ें, और कुरान की कोई सूरह पढ़ें।

अब आपको वापस सजदे में जाना है, सजदे में 3 या 5 बारी सुब्हान रब्बी बल आला पढ़ना है।

इसको पढ़ अल्लाहु अकबर कहकर बैठ जाएं। फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहकर सजदे में जाएं। और 3 बारी ऊपर दी तस्बीह पढ़ें (Magrib ki Namaz)।

तस्बीह पढ़कर बैठ जाएं, और एहतियात पढ़ें। एहतियात पढ़ने के बाद आपको दारुद इब्राहिम पढ़ना है। जब आप दारुद इब्राहिम पढ़ लें तब दुआ के मासुरा पढ़ें। इसके बाद सलाम फेरें।


मग़रिब की नमाज भाग 4


मग़रिब की दो नफ़्ल नमाज के तरीका-

इसमे सबसे पहले नियत करें- नियत की मैने दो रकात नमाज़ नफ़्ल की।वास्ते अल्लाह ताला के। वक्त मग़रिब का, मुह मेरा काबे शरीफ की ओर, अल्लाहु अकबर।

इसके बाद हाथ बांधकर सना पढ़े। और बाद में जैसे दो सुन्नत पढ़ी थी, वैसे ही दो नफ़्ल पढ़ लें।

इस तरह हमने मग़रिब की 7 रकात पढ़ ली।


Magrib ki Namaz ki Rakat | के बारे में


Magrib ki Namaz


दोस्तों Magrib Ki Namaz एक बेहद ही खास और खूबसूरत नमाज़ है। इसे हमे जरूर पढ़ना चाहिए। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो फजर और ईशा और दूसरी नमाज़े तो पढ़ते हैं,

पर वे इस मग़रिब की नमाज़ को उतना ज्यादा तवज्जो नहीं देते।

और इस नमाज़ को पढ़ना भूल जाते हैं। पर ऐसा बिल्कुल नहीं है, इस्लाम मे रोजाना 5 नमाज़ पढ़ने का नियम है, और सारी नमाज का एक समान महत्व और फायदे हैं,

माना जाता है, मग़रिब की नमाज पढ़ने से खुदा का हाथ हमेशा हमारे ऊपर बना रहता है, काम मे बढ़ोतरी होती है। और किसी भी काम मे मन लगता है। बहुत से लोग इस नमाज के लिए कहते है,

जबसे उन्होंने इस नमाज़ को पढ़ना शुरू किया, तबसे उनके स्वास्थ्य सही बना रहता है। इसलिए अगर आप भी इस Magrib Ki Namaz को स्किप कर रहे थे,

तब आज से ही इसे पढ़ीये।

याद रखें, मग़रिब को पढ़ने का सही समय (Magrib ki Namaz ka Time) 7 बजे के आस पास जब सूरज डूब रहा हो, तब होता है। आपको इसी समय यह नमाज अदा करनी चाहिए।


Conclusion | Magrib Ki Namaz in Hindi


दोस्तों आज हमने पढ़ी Magrib Ki Namaz. उम्मीद है, आपको आज की हमारी यह जानकारी पसन्द आयी, और इससे कुछ नया सीखने को मिला।

हमने आज बात की Magrib Ki Namaz ka tarika और इस नमाज़ में बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।

अगर आपको आज की हमारी यह मग़रिब की नमाज जानकारी पसन्द आयी, तो बताइयेगा जरूर कमैंट्स में, और ऐसी ही जानकारी के लिए बने रहिये हमारे साथ।

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