Dua E Qunoot in Hindi with Meaning | दुआ ए कुनूत हिंदी में- Dua Qunut
आज की इस पोस्ट में हम पढेंगे दुआ ए कुनूत हिंदी में ( Dua E Qunoot in Hindi ) इसी के साथ आपको दुआ ए क़ुनूत का अर्थ और इसे पढ़ने के फायदे भी जानने को मिलेगा, तब चलिए जानते हैं, Dua Qunoot in Hindi.
Table of Contents
Dua E Qunoot in Hindi
- अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क
- व नस – तग – फिरू- क
- व नुअ मिनु बि – क व न तवक्कलु
- अलै – क व नुस्नी अलैकल खैर
- व नश कुरु – क वला नकफुरु – क
- व नख्नऊ व नतरुकु मैंय्यफ – जुरूक
- अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु
- व ल – क- नुसल्ली व नस्जुदु
- व इलै – क नस्आ व नह – फिदु व नरजू
- रह – म – त – क व नख्शा अजा – ब – क
- इन्ना अजा – ब – क बिल कुफ्फारि मुलहिक
दुआ ए कुनूत हिंदी में अर्थ | Dua Qunoot Hindi me
दुआ ए क़ुनूत का हिंदी अर्थ भी जरूर पढ़ें, जिससे आपकोे दुआ ए क़ुनूत समझ मे आये, और आप खुदा की इबादत मन से कर सकें।
दुआ ए क़ुनूत का अर्थ- हे खुदा , हम आपसे मदद मांगते हैं। और यदि अनजाने में हमसे कोई भूल हो गयी हो तो उसके लिए माफी भी मांगते हैं। हम आपपर भरोसा करते हैं, और आपके ऊपर हर प्रकार से भरोसा रखते हैं।
हम आपकी साफ और पवित्र मन से अच्छाई करते हैं। और तेरा शुक्रियादा करते हैं, जो तूने हमें अपने यहां पनाह दी। और जो तुझे नहीं मानता या तेरी नाफरमानी करता है, उसे हम अस्वीकारते हैं।
हे अल्लाह हम केवल और केवल तेरी ही एक इबादत करते हैं, और तेरी सराहना और तुझे याद करने के लिए नमाज़ पढ़ते हैं। हम केवल तुझी को अपना परवरदिगार मानते हैं। हम चाहते हैं, की तेरा हाथ हमारे सर पर सदा के लिए बना रहे। हम तेरे खिलाफ भी नहीं जाना चाहते। और तेरे गुस्से से डरते हैं।
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दुआ ए क़ुनूत के बारे में | About Dua Qunoot Hindi
दुआ ए क़ुनूत (Dua e Qunoot in Hindi) एक ऐसी दुआ है, जो पढ़नी बहुत ही जरूरी है, आप दुआ ए क़ुनूत के जरूरी होने का अंदाजा इसी बात से लगा पाएंगे, की दुआ ए क़ुनूत को वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ना बहुत जरूरी है। और हमेशा पढ़नी भी चाहिए।
दुआ ए क़ुनूत कब पढ़ें-
दुआ ए क़ुनूत तब पढ़ी जाती है, जब ईशा का समय वित्र की नमाज़ पढ़ी जा रही हो। और यदि आप किसी भी कारण से दुआ ए क़ुनूत पढ़ना भूल जाते हैं, तो आपको सजदा ए सहव जरूर करना पड़ेगा। उसका भी तरीका नीचे दिया गया है, उसे भी जरूर पढ़ें।
दुआ ए क़ुनूत कैसे पढ़ें-
ईशा के समय जब आप वित्र की नमाज़ पढ़ रहे हों, तब जब आप तीसरी रकात में पहुचे, तब कोई भी सूरह फातिहा पढ़ ले, या आप कोई दूसरा फातिहा भी पढ़ सकते हैं। फिर उसके बाद अपने दोनों हाथों को उठाकर अपने कानों के पास लगाएं।
और अल्लाह हुअकबर कहते हुए अपने हाथों को बांध लें, और दुआ ए क़ुनूत को पढ़ें। यही सही तरीका है, दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी (Dua e Qunoot in Hindi) को पढ़ने का।
दुआ ए क़ुनूत के भूलने पर सजदा ए सहव करने का तरीका
जब आप ईशा के समय वित्र की नमाज़ पढ़ते समय दुआ ए क़ुनूत पढ़ना भूल गए हों, तब आपको सजदा ए सहव करना जरूरी है, सजदा ए सहव करने के लिए पहले तो बैठ जाएं, फिर अत्ता हियत पढ़कर पहला स्लैम फेरें। दूसरा सलाम न फेरते हुए, फिर से दो सजदे करें।
फिर इसके बाद अत्ता हियत करते हुए दुआ ए मुस्करा और दुआ ए इब्राहिम पढ़ते हुए सलाम फेरें। यही सही तरीका है , ईशा के समय वित्र की नमाज़ पढ़ते समय अगर आप दुआ ए क़ुनूत (Shia Dua Qunoot Hindi Mein) पढ़ना भूल गए हों।
दुआ ए क़ुनूत याद न होने पर यह दुआ पढ़ें
ईशा के समय वित्र की नमाज़ पढ़ते वक्त दुआ ए क़ुनूत पढ़ना बहुत जरूरी है, परन्तु अगर आपको यह किसी भी कारण से याद नहीं हो पा रही है, या याद नही है, तो दुआ ए क़ुनूत याद करने की कोशिश करें, और जब तक दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी याद न हो तब तक आप वित्र की नमाज़ पढ़ते समय यह दुआ भी पढ़ सकते हैं जो है-
रवन्ना अतिना फिद दुनिया हसन्तव वफिल आख़िरति हसन्तव वकीना अजबन नार।।
इस दुआ का अर्थ- हे रब हमें नेकी की राह पर चला, हमारे द्वारा किये गए गुनाह माफ कर, और हमे गलत रास्ते और गलत लोगों से बचा। इस दुआ को जब तक आप दुआ ए क़ुनूत (Dua e Qunoot in Hindi) को याद न कल लें तब तक पढ़ सकते हैं।
दुआ ए क़ुनूत के बारे में | Qonoot ki Dua in Hindi-
दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी पैगम्बर मुहम्मद साहब वित्र की नमाज़ के समय पढा करते थे। इब्न अली ने भी यह कहा है कि पैगम्बर मुहम्मद साहब ने मुझे यह दुआ ए क़ुनूत सिखाई, और इसे वित्र की नमाज़ पढ़ते समय पढ़ने को कहा।
इससे यह समझ मे आता है, कि दुआ ए क़ुनूत (Dua Qunut) को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ना कितना जरूरी है। पर कुछ लोग दुआ ए क़ुनूत को या तो समझ नहीं पाते, या याद नहीं कर पाते , जिससे वे वित्र की नमाज़ के साथ नहीं पढ़ पाते। परन्तु यह गलत है, वित्र की नमाज़ के साथ दुआ ए क़ुनूत पढ़ना वाजिब बताया गया है।
इसलिए जब भी आप ईशा के वक्त वित्र की नमाज़ अदा कर रहें हों, तब दुआ ए क़ुनूत जरूर पढ़ें। दुआ ए क़ुनूत (Dua e Qunoot in Hindi) में खुदा के लिए अच्छी अच्छी दलीलें (तारीफें) दी गयी हैं, जो पढ़ना बहुत जरूरी है।
दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी | Dua e Qunoot Tarjuma in Hindi
यहां पर दुआ ए क़ुनूत का विस्तृत अर्थ दिया गया है।जिससे आपको दुआ ए क़ुनूत समझने में आसानी होगी।
दुआ ए क़ुनूत का पहला कलमें का अर्थ यह है, कि हे खुदा हम आपसे मदद चाहते हैं। यानी कि हे खुदा तूने ही हमें जन्म दिया पूरी कायनात तूने ही बनाई है, हम तुझसे मदद मांगते हैं, कि हमे सदा नेकी की राह पर चलाना, और बुराई से बचाना। यही हम तुझसे प्रार्थना करते हैं।
दुआ ए क़ुनूत का दूसरा कलमें का अर्थ यह है कि यदि किसी भी कारण से हमसे कोई जाने अनजाने में भूल हो गयी हो तो उसे माफ करना। हम केवल आपकी ही प्रार्थना करते हैं, आप ही का सजदा करते हैं। हमारे द्वारा किये गए किसी भी गलती को नामसमझी समझकर उसे माफ कर देना।
क़ुनूत की दुआ के तीसरे कलम में लिखा है कि हे खुदा हम सच्चे मन से केवल आपपर ही भरोसा करते हैं हमें हमेशा अच्छे और सच्चे मार्ग पर ही चलाना।
दुआ ए कुनूत हिंदी में (Dua Qunoot in Hindi) के चौथे कलमें में लिखा है कि खुदा हम आपकी पवित्र और सच्चे मन से तारीफ(अच्छाई) करते हैं। तू ही है, जो हमारे लिए सब कुछ है। तूने ही पूरी कायनात का निर्माण किया है। इसलिए हम तेरी अच्छे मन से तेरी तारीफ करते हैं।
पांचवे कलम में लिखा गया है कि हम आपकी सराहना और आपको याद करते हैं, हम आपको याद करते हुए नमाज़ पढ़ते हैं। आपका हाथ हमारे सिर पर हमेशा बने रहे, हम यही कामना करते हैं।
दुआ ए क़ुनूत के छठे कलमे में लिखा गया है, कि हे खुदा तू ही हमारा सब कुछ है, हम तेरी ही सन्तानें हैं। हम तुझी को अपना परवरदिगार मानते हैं। तो अपनी नज़र हमपर हमेशा बनाए रखना, हम हमेशा यही चाहते हैं।
दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी (Dua Qunoot Hindi Mein) के सातवें और आखिरी कलमे में प्रदर्शित है कि हम सभी तुझ से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। हम केवल तेरी दुआ चाहते हैं, हम तेरे गुस्से का भागी नहीं बनना चाहते हैं। तो हमपर अपनी दुआ हमेशा बनाए रखना और बुरी चीजों और बुरी लोगों से हमे सदा दूर रखना। यही हम चाहते हैं।
यहां आपने जाना, दुआ ए कुनूत का विस्तृत अर्थ। आशा है आपको यह दुआ का अर्थ समझ मे आ गया होगा। चलिए जाते हैं अब इस दुआ को पढ़ने के फायदे-
दुआ ए क़ुनूत पढ़ने के फायदे | Dua Qunut Benifits in Hindi
इस दुआ में अल्लाह का आशीर्वाद पाने के लिए कलमे लिखे गए हैं, जिन्हें पढ़कर खुदा का आशीर्वाद पाया जा सकता है। पैगम्बर मोहम्मद भी इस दुआ को पढा करते थे, इससे ही इस दुआ की अहमियत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, इसलिए खुदा का आशीर्वाद पाने के लिए दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी (Dua Qunoot in Hindi) पढा करें।
दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से घर मे बरक्कत आती है। लोगों का मानना है कि यह दुआ पढ़कर उनके घर मे बरक्कत हुई है, इसलिए अगर आप भी घर मे बरक्कत लाना चाहते हैं, तो पढ़ा करिए दुआ ए क़ुनूत।
दुआ ए क़ुनूत (Shia Dua e Qunoot in Hindi) को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। और बीमारियां दूर हो जाती है। कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जो पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेती, ऐसी बीमारियां होने पर आपको यह दुआ (Dua Qunut) जरूर पढ़नी चाहिए।
दुआ ए कुनूत हिंदी में को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से खुदा पढ़ने वाले को बुरी चीजों से और बुरी लोगों से दूर रखता है।
यह दुआ पढ़ने से काम या पढ़ाई में बरक्कत आती है। किताबों में लिखा है, और बहुत से लोगों का कहना है, की दुआ ए क़ुनूत पढ़ने से उनके काम/पढ़ाई में तरक्की आयी है। इसलिए अगर आप भी अपने काम या पढ़ाई में तरक्की पाना चाहते हैं तो यह दुआ जरूर पढ़ा करें।
Conclusion | Dua e Qunoot in Hindi
आज आपने पढ़ी Dua e Qunoot in Hindi with Meaning. और साथ ही जाना दुआ ए क़ुनूत का अर्थ और उसके पढ़ने के फायदे (Dua e Qunoot Tarjuma and Benifits in Hindi). आशा करते हैं आपको हमारी आज की पोस्ट दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी पसन्द आयी होगी, और कुछ नया जानने को मिला। ऐसी ही अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहें हमारे साथ।