Azan Ke Baad ki Dua in Hindi | अजान के बाद की दुआ हिंदी में- Azan ki Dua
आज हम जानेंगे अजान के बाद की दुआ हिंदी में (Azan Ke Baad ki Dua). और साथ मे ही जानेंगे, अजान की दुआ का अर्थ और इस दुआ को पढ़ने के कुछ फायदे। तब चलिए शुरू करते हैं, अज़ान की दुआ (Azaan ke Baad ki Dua).
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Azan Ke Baad ki Dua
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर,
अल्लाहु-अकबर-अल्लाहु-अकबर।
अशाहुद अल्लाह इलाहा इल्लला,
अशाहुद-अल्लाह-इलाहा-इल्लला।
अशाहुदु अन्न मुहम्मदुर्रुस अल्लाह,
अशाहुद-अन्न-मुहम्मदुर्रूस-अल्
हैंय्या अलस सल्लाह,
हैंय्या-अलस-सल्लाह।
हैंय्या-अलल-फलाह,
हैंय्या-अलल- फलाह।
अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर,
ला इलाहा इललाह।
अजान के बाद की दुआ हिंदी में अर्थ-
खुदा महान है, खुदा सबसे बड़ा है।
मैं आज यह गवाही दे सकता हूँ, की खुदा के सिवाय कोई भी पूजने लायक नही है।
मैं यह जानता हूँ, कि हमारे नबी स.व.अ. खुदा के द्वारा दुनिया मे भेजे गए प्यारे रसूल हैं।
आओ हम खुदा की इबादत करें, और नमाज़ पढ़े।
आओ खुदा के द्वारा निजात पाने के लिए।
खुदा सबसे बड़ा है, खुदा सबसे महान है।
खुदा के सिवा इस कायनात में कोई भी महमूद नही है।
कुछ लोगों को अजान के बाद की दुआ का मतलब पता नहीं होता, जिससे वे इसे खाली पढ़ देते हैं। पर ऐसा नहीं है, आपको Azan ke Baad ki Dua को पढ़ने के साथ ही इसका अर्थ भी पता होना बहुत जरुरी है, जिससे आपको अजान के बाद की दुआ पढ़ने का फायदा मिल सके.
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अज़ान के बाद की दुआ के बारे में (About Azan k Baad ki Dua)-
नमाज़ (Azaan ke Baad ki Dua) पढ़ना इस्लाम धर्म मे बहुत जरूरी और खुदा की इबादत करने के लिए बेहद जरूरी है। अज़ान के बाद की दुआ ही एक ऐसी दुआ है, जिसे हम दिन में सबसे ज्यादा बार सुनते हैं।
हम से कोई भी चाहें, वह इस कायनात के किसी भी जगह में रह रहा हो, उसे अज़ान सुनने को मिलती ही है। सभी का यही मानना है, की जब भी हमारे कानों में अज़ान के बाद कि दुआ की आवाज पड़ती है, हमे सारे काम छोड़कर अजान की दुआ (Azaan k Baad ki Dua) को मन ही मन मे दोहराना चाहिए।
अज़ान के बाद कि दुआ क्यों पढ़ी जाती है?
इस्लाम मे हर भाई और बहन को नमाज़ पढ़ना जरूरी बताया गया है। और सभी को नमाज़ पढ़ने के लिए बुलाने के लिए अज़ान के बाद कि दुआ पढ़ी जाती है। इसे दिन में नमाज़ के पांचों समय पढ़ा जाता है।
अज़ान के बाद कि दुआ में कुल मिलाकर 12 कलमे हैं, जिनमे खुदा के बारे में और नमाज़ पढ़ने के लिए बुलावा दिया गया है। इस दुआ को सुनने पर माना जाता है, की जो भी काम हम कर रहे होते हैं, उसे छोड़कर अज़ान की दुआ सुनते समय उसे मन ही मन दोहराना चाहिए।
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अज़ान के समय के कुछ नियम
अज़ान होते समय के कुछ नियम हैं, जिसे हर मुस्लिम भाई या बहन को मानने चाहिए, अजान के बाद के कुछ मुख्य नियम नीचे दिए गए हैं-
1. बोलते समय कोई भी गलती न हो
अज़ान पढ़ते समय हर मुस्लिम भाई या बहन का यह फर्ज होता है, कि वह अज़ान (Azaan ke Baad ki Dua) होते समय उसे मन ही मन दोहराए, और उससे अज़ान बोलते समय किसी भी प्रकार की कोई शब्द बोलने में गलती न हो। अगर आप भी अज़ान गलत पढ़ते हैं, तब आज से ही उसे ठीक पढ़ना शुरू करिए।
2. कान में हाथ
यह भी अज़ान होते समय का एक नियम है, अज़ान को दोहराते समय आपका एक हाथ आपके कान में हों चाहिए। जिसका अर्थ है, की हे खुदा अगर मुझसे अज़ान दोहराते हुए कोई गलती हो रही है, तो उसे मा करना।
3. किसी भी तरह का संगीत न सुनना
अज़ान (Azaan k Baad ki Dua) होते समय यह नियम है, कि यदि हम कोई संगीत सुन रहे हों, और उसी समय अज़ान शुरू हो जाए, तब हमें तुरन्त संगीत को बंद कर देना चाहिए। यह सुन्नत तरीका कहलाता है।
4. अज़ान शुरू होने के समय चाहें हम कुछ भी काम कर रहे हों, उस काम को उसी समय बंद कर देना चाहिए, और सर को ढककर अज़ान को दोहराना शुरू कर देना चाहिए। अज़ान के समय सर भी ढकना लाज़मी है।
अज़ान का इतिहास (History of Azan ki Dua)
मक्का में इस्लाम धर्म की शुरुवात हुई, और इस धर्म की शुरुवात मोहम्मद साहब ने की। जब धर्म की शुरुवात हुई, तब कुछ ही दिनों बाद, मक्का में एक मस्जिद बनाई गई। पर उस मस्जिद से बहुत से लोग दूर दूर रहा करते थे।
तब सभी लोगों को नमाज़ पढ़ने के समय पर मस्जिद में बुलाने के लिए कोई योजना सोचनी पड़ी, आखिर में उन्हें किसी ने अज़ान (Azan ke Baad ki Dua in Hindi) के बारे में सलाह मशवरा दिया। मोहम्मद साहब को लोगों को नमाज़ के लिए , मस्जिद में बुलाने के लिए यह तरकीब पसन्द आ गया। तभी से मस्जिद से अजान बोली जाती है।
अज़ान नमाज़ पढ़ने के लिए एक दावत है, जिसे दिन में पांच बार पढ़ा जाता है, नमाज़ हर मुस्लिम भाई या बहन को पढ़ना इस्लाम मे लाज़मी बताया गया है। इसलिए अगर आप नमाज़ नहीं पढ़ते थे, तब आज से ही पढ़ना शुरू करें, नमाज़ पढ़ने के नियम अगर आपको पता नहीं हैं, तब देखिए, यह कुछ नियम-
नमाज़ पढ़ने के नियम
1. नमाज़ पढ़ने से पहले बा वजू हो लें, यह नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे पहला नियम है।
2. नमाज़ पढ़ने वाले का नमाज़ पढ़ने वाले का बदन और सर ढका हुआ होना चाहिए।
3. वह जगह साफ होनी चाहिए, जहां पर नमाज़ पढ़ी जाने वाली हो।
4. नमाज़ हमेशा किबला रुख होकर पढ़नी चाहिए।
5. नमाज़ अज़ान के समय मे ही पढ़नी चाहिए, यही सुन्नत है। अज़ान के बहुत देर बाद नमाज़ पढ़ना गलत है।
6. पैरों में पहनी हुई पेंट की मोहरियाँ मुड़ी हुई होनी चाहिए। और कमीज की भी आस्तीनें मुड़ी हुई होनी चाहिए।
7. अज़ान (Azan k Baad ki Dua) की दुआ और नमाज़ पढ़ते समय हँसना नहीं चाहिए।
8. नमाज़ पढ़ने समय केवल और केवल खुदा की इबादत पर ध्यान होना चाहिए, ध्यान बिल्कुल भटकना चाहिए।
आपने जाने नमाज़ पढ़ने के लिए कुछ खास नियम, जिनको न मानने से नमाज अधूरी या नहीं मानी जाती है। अब जानते हैं, नमाज़ और अज़ान के बाद कि दुआ पढ़ने के कुछ फायदे-
नमाज़ और अज़ान की दुआ को पढ़ने के बहुत से फायदे हैं, जो खुदा इसे पढ़ने वाले को यह फायदे बख्शता है इनमें से कुछ मुख्य फायदे नीचे बताए गए हैं-
अज़ान की दुआ को पढ़ने के फायदे | Benefits of Azaan ke Baad ki Dua-
1. अज़ान से शांति
अज़ान एक ऐसी चीज है, जो मन को शांति प्रदान करती है। यह माना जाता है, कि दिन में पाँचो समय की नमाज़ सुनने और पढ़ने से मन की शांति बनी रहती है।
अज़ान (Dua After Azan in Hindi) के बाद कि दुआ से मन हमेशा शांत रहता है, जिससे हम किसी भी प्रकार की परेशानी में से बहुत जल्दी बाहर आ जाते है। इसलिए अज़ान के बाद कि दुआ हमेशा सुननी और पढ़नी चाहिए।
2. मन की एकाग्रता
जब हम अज़ान सुनते हैं, तब हमारे मन और दिमाग से बुरे ख्यालात दूर हो जाते हैं। जिससे हमारे मन की एकाग्रता बाद जाती है। और अज़ान और नमाज़ के बाद हमारा हर काम मे मन लगता है। हम किसी भी काम को एकाग्रता और बिना किसी परेशानी के पूरा करते हैं।
3. तनाव को कम करना
जैसे ही अज़ान की आवाज कानों में पढ़ती है, बुरे ख्यालात दूर होने और एकाग्रता बढ़ने के साथ साथ सभी काम छोड़कर हम खुदा की इबादत में लग जाते हैं। जिससे हमारा तनाव कम हो जाता है। ज्यादा तनाव इंसानों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है, और अज़ान (Dua After Azan in Hindi) के बाद कि दुआ को सुनने और पढ़ने से तनाव कम होता है।
4. अज़ान के बाद कि दुआ से मन के विचारों की शुद्धि
अज़ान के बाद की दुआ जैसे ही हमारे कानों में पढ़ती है, हमारे मन मे जितने भी बुरे ख्यालात चल रहे होते हैं, सब खत्म हो जाते हैं, और खुदा की इबादत के लिए मन लग्न शुरू हो जाता है।
5. गुनाह माफ होना
ऐसा माना जाता है, कि अज़ान के बाद कि दुआ (Azan ke Baad ki Dua in Hindi). को पढ़ने से हमारे द्वारा गलती से हुए गुनाह माफ हो जाते हैं। अज़ान के बाद कि दुआ को पढ़ने का यह एक बहुत बड़ा फायदा है। हमसे कई बार गलती से या अनजाने में बहुत से गुनाह हो जाते हैं। अगर हमें इन गुनाहों को माफ करवाना है, तब हमें रोज अज़ान के बाद कि दुआ सुननी और पढ़नी चाहिए।
6. दुआ
अज़ान के बाद कि दुआ और नमाज़ ही एक ऐसी चीज है, जो दुआ को काबुल करवा सकए हैं। जिस समय हम नमाज़ या अज़ान के बाद कि दुआ को पढ़ रहे होते हैं, उस समय हम खुदा के सबसे नजदीक होते हैं। और इस समय पर हम हमारी दुआएं खुदा से कुबूल करवा सकते हैं।
7. अज़ान के बाद की दुआ (फर्ज)
अज़ान (Azan ke Baad ki Dua) के बाद की दुआ हर मुस्लिम भाई या बहन के लिए पढ़ना एक फर्ज होनी चाहिए। आज के समय मे बहुत से ऐसे लोग हैं, जो दिन ब दिन धर्म और अपने फर्ज से दूर होते जा रहे हैं। परन्तु हमे ध्यान में रखना चाहिए, की हम कहाँ से आये हैं। और हमारा वंशज कोन है।
अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने के और भी बहुत से फायदे हैं, जो खुद इसे सही तरीके से पढ़ने वाले को अता फरमाता है। हमने अज़ान के बाद कि दुआ को पढ़ने के कुछ मुख्य फ़ायदे ऊपर बताए। अगर आप भी आज तक अज़ान के बाद कि दुआ नहीं पड़ रहे थे, तब आज से ही शुरू कीजिए, अज़ान की दुआ को पढ़ना। और देखिए आपके जीवन मे खुदा किस तरह रहम फरमाता है।
Conclusion | Azan ke Baad ki Dua
आज आपने जानी अजान के बाद की दुआ हिंदी में (Azan ke Baad ki Dua in Hindi). और इसी के साथ आपने जाना अज़ान के बाद कि दुआ पढ़ने के कुछ फायदे और नियम (Benefits and lows of Azaan ke Baad ki Dua)। आशा करते हैं, आपको हमारी आज की यह पोस्ट पसन्द आई होगी,
और इससे बहुत कुछ सींखने को मिला होगा। ऐसी ही रोचक और जानकारीयुक्त पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहें हमारे साथ और विजिट करते रहिए Aayatsays पर।