Best Ayatul Kursi in Hindi with Meaning | आयतुल कुर्सी इन हिंदी- Ayat Kursi
आज आप जानेंगे, आयतुल कुर्सी इन हिंदी (Ayatul Kursi in Hindi with Meaning). जिसमे आपको आयतल कुर्सी का हिंदी अर्थ भी जानने को मिलेगा, तब चलिए जानते हैं Ayat ul Kursi.
आपको बता दें, की आयतुल कुर्सी , सूरह बकराह की 255 वीं आयत है।
Table of Contents
Ayatul Kursi in Hindi
- अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू
- अल हय्युल क़य्यूम
- ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
- लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल
अर्ज़ - मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला
बि इजनिह - यअलमु मा बैना अयदी हिम वमा खल्
फहुम - वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मि
ही इल्ला बिमा शा..अ - वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल
अर्ज़ - वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा
- वहुवल अलिय्युल अज़ीम
आयतुल कुर्सी इन हिंदी
- अल्लाह/ खुदा जिसके बिना किसी का भी ममुद (अस्तित्व) नहीं है।
- जो भी इस कायनात में आया है, उसे तो एक न एक दिन जाना ही है, परन्तु खुदा हमेशा से अस्तित्व में था, और हमेशा अस्तित्व में रहेगा।
- वह हमेशा जगा रहता है, उसे न नींद आ सकती है, न ऊंघ आ सकती है।
- जो कोई भी इस कायनात में है, सब उसी का है, जमीन भी उसी की है, और पूरा आसमान भी खुदा का है।
- कायनात में ऐसा कोई नहीं जो, खुदा की बिना इजाजत के कुछ भी कर सके।
- खुदा ही एक ऐसा है, जो सब कुछ जानता है, खुदा उसको भी जनता है, जो उसके सामने है, और उसको भी जानता है, जो गायब या ओझल है।
- खुदा के बनाए गए नियमों के खिलाफ कोई नहीं जा सकता,
- जितना भी है, उसका मालिक एक ही है, खुदा। वही सारी जमीन और आसमान का मालिक है।
- आयतल कुर्सी (Ayatul Kursi in Hindi) के 9वें कलमें में लिखा है, वही हर किसी की हिफाजत करता है।
- खुदा ही एक ऐसी जात है, जो बहुत ही बुलंद है।
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Ayatul Kursi Meaning in Hindi
आयतल कुर्सी , सूरह बकराह की 255वीं आयात है। आयतल कुर्सी को एक चौथाई क़ुरान भी कहा जाता है, और लोगों का कहना है, जो भी नमाज़ के बाद आयतल कुर्सी को पढ़ता है, वह खुदा का सबसे करीबी माना जाता है।
आयतल कुर्सी (Ayatul Kursi in Hindi) में खुदा की कुर्सी के बारे में बताया गया है, यही कारण है, की आयतल कुर्सी को आयतल कुर्सी कहा जाता है। आयतल कुर्सी में दस जुमले हैं। और दसों जुमले अपने आप मे एक एक अर्थ छुपाएं हैं। जिन जुमलों का अर्थ यहां दर्शाया गया है-
1. अल्लाह/ खुदा जिसके बिना किसी का भी ममुद (अस्तित्व) नहीं है।
किताबों में लिखा, है कि खुदा ही एक ऐसी चीज है, जिसका न तो कोई शुरुवात है और न ही कोई अंत है। खुदा ने ही इस पूरी कायनात में रहने वालों को बनाया है। खुदा जब चाहे, जिसे चाहे बना सकता है।
और जब भी चाहे खत्म कर सकता है। उसके बिना किसी का भी कोई अस्तित्व नही है। इसलिए आयतल कुर्सी इन हिंदी में पहला जुमला यह है, खुदा के बिना किसी भी चीज का कोई अस्तित्व नहीं है।
2. वह चाहे कोई भी हो, अगर उसने इस कायनात में जन्म लिया है, तो उसे एक न एक दिन तो यहां से रुखसत होना ही पड़ेगा, चाहे वह कितना भी रईस या कोई और गुण दाता न हो। उसे एक न एक दिन इस कायनात से रुखसत होना ही पड़ेगा, यही दुनिया का कानून है।
परन्तु खुदा ही एक ऐसा है, जिसका न तो कभी जन्म हुआ, और न ही कभी उसका अंत होगा, वह अनंत है। उससे न तो कोई जीत सकता है, न कोई मार सकता है। इसलिए खुदा अंतरहित है।
3. खुदा ही है, जो हमेशा जगा रहता है। और सबके कार्यों को देखता रहता है, वही है जो सबके कर्म निर्धारित करता है। आयतल कुर्सी (Ayatul Kursi Hindi) के इस कलमें में लिखा है, की खुदा न तो कभी सोता है, न उसे कभी नींद आती है। और न ही उसे कभी ऊंघ आती है।
जो भी कायनात में रहता है, जो भी वह कर्म करता है, खुद उस पर हमेशा अपनी नज़र रखता है। और वख्त आने पर खुदा उसके उसके किये गए कार्य के अनुसार फल देता है। इसलिए बड़े लोग कह करते हैं, खुदा सब देख रहा है, हमें अच्छे कर्म करने चाहिए।
4. आयतल कुर्सी (Ayat ul Kursi Hindi) के 4थें जुमले में लिखा है, इस पूरी कायनात को खुदा ने ही बनाया है, उसी ने हम सबका निर्माण किया है, तभी उसे पृथ्वी का निर्माकर्ता भी कहते हैं। खुदा ही हम सबका सब कुछ है, उसी ने सब कुछ बनाया है। इस संसार मे जो कुछ भी है, वह सब खुदा का ही है।
जमीन, आसमान, इंसान, पशु, पेड़ पौधे, और भी सब कुछ सब उसी का ही है। इसलिए हमें कभी घमंड नहीं करना चाहिए। और खुदा का धन्यवाद करना चाहिए कि उसने हमें इंसान के रूप में इतनी अच्छी जिंदगी दान की है।
5. आयतुल कुर्सी के 5वें कलमें में खुदा की बादशाहत के बारे में बयान किया गया है, की खुदा ने ही हम सबको बनाया है, वह जब चाहे कुछ भी कर सकता है, सब कुछ उसी के हाथ में है। हम सब उसी के द्वारा बनाए गए हैं।
और उसकी लिए मात्र एक कठपुतली के समान हैं। वह चाहे तो हमे कभी भी बना सकता है, और कभी भी समाप्त कर सकता है। हम उसकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं कर सकते हैं। खुद के इज़ाज़त के बिना एक पत्ता भी अपनी जगह से नहीं हिल सकता है।
6. आयतुल कुर्सी इन हिंदी के 6ठे कलमें में लिखा गया है कि खुदा उस चीज को भी देखता है, जो खुलेआम हो रही है, और खुदा उस को भी देख रहा है, छुप छुप हो रही है। उससे कोई चीज नहीं छुप सकती। कुछ लोग बंद जगहों में गलत काम करते हैं,
और सोचते हैं कि उन्हें कोई नहीं देख रहा है, और कोई उनका कुछ नहीं करेगा। पर ऐसा नहीं है। खुदा सबके ऊपर अपनी नज़र गड़ाए हुए है। वह सब कुछ देख रहा है। उसकी नजरों से कोई नहीं बच सकता। इसलिए इंसान को कभी गलत काम नहीं करना चाहिए। और खुदा का सज़दा करना चाहिए
7. आयतल कुर्सी Ayatul Kursi Hindi Mai के 7वें कलम में खुदा के बनाये गए कुछ नियमों के बारे में लिखा गया है। जब खुदा ने कायनात को बनाया, तब उसने कायनात से जुड़े कई सारे नियम कानून भी बनाए, जिन्हें कहा जाता है। कोई नहीं तोड़ सकता है। बहूत सारे नियम ऐसे खुदा ने बनाए हैं, जिन्का कोई उल्लंघन नहीं करसकता। इसलिए लोग कहा करते हैं, खुदा की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता ( कोई चीज नहीं हो सकती)।
8. आयतल कुर्सी के 8वें कलम में लिखा है, इस कायनात को खुदा ने ही बनाया है, जमीन से लेकर आसमान , इंसान से लेकर जानवर, पेड़ पौधों से लेकर कीड़े मकोड़े सब उसी की देन है। सब कुछ उसी का है, और वह हर चीज की हिफाजत में लगा है। वह दिन रात सबकी हिफाजत में लगा रहता है। खुदा ही हर चीज का मालिक है। हम सब उसी की अमानत समान हैं। हमें अपने आप पर या किसी भी चीज का कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए।
9. आयतुल कुर्सी इन हिंदी के 9वें कलमें में लिखा है, खुदा हर किसी की हिफाजत करता है, हम सब खुदा की अमानत है, खुदा हम सब का परवरदिगार है। जब भी किसी पर कोई परेशानी आती है, चाहे वह इंसान हो या जानवर । खुदा उसकी किसी न किसी रूप में मदद कर देता है। वह किसी को भी परेशानी में नहीं देख सकता। इसलिए इस कलम में लिख रखा है कि खुदा हर किसी की हिफाजत करता है।
10. आयतल कुर्सी के आखिरी और 10वें कलम में लिखा गया है कि खुद ही एक ऐसी जाट है, जो बुलंद है। वही सबका परवरदिगार है। उसके सामने कोई कुछ भी नहीं है। उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है, वह न तो जन्म लिया और न कभी अंत होगा, सब कुछ उसी का है, इसलिए कायनात में एक ही ऐसी चीज है, जो बुलंद है और वह है खुदा।
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आयतल कुर्सी की बरकतें
- नमाज़ के तुरंत बाद आयतल कुर्सी को पढ़ने के बहुत से फायदे हैं, जो खुदा आयतल कुर्सी पढ़ने वाले को फरमाता है, वह हैं-
- आयतल कुर्सी पढ़ने वाले को हमेशा जन्नत नसीब होती है।
- आयतल कुर्सी (Ayatul Kursi in Hindi) पढ़ने वाला हमेशा बुरी चीजों से महफूज रहता है।
- आयतुल कुर्सी इन हिंदी पढ़ने वाले के घर मे बरक्कत होती है, और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
- अगर घर मे आयतल कुर्सी लिखी हो तो खुदा घर की हिफाजत करता है।
आयतुल कुरसी पढ़ने के फायदे | Ayatul Kursi ke Fayde
● जो भी शख्स नमाज के हर फ़र्ज़ के बाद आयतुल कुर्सी की तिवालत करता है, उसके जन्नत जाने की राह के दरमियान कुछ नहीं रह जाती है। वह इंसान दुनिया की बुराइयों से दूर रहता है। बुरे कामो को करने से अल्लाह उसको दूर कर नेकियों को करने की राह में आगे बढ़ाते हैं।
● पहली फर्ज नमाज के बाद जो भी कोई आयतुल कुर्सी पढ़ता है, तो उस इंसान की दूसरी नमाज तक वह खुद को अल्लाह की हिफाजत में पाता है या कहें कि अल्लाह खुद उसकी हिफाज़त करते हैं।
● किसी एक घर मे यदि कोई शख्स आयतुल कुर्सी को पढा करता है तो उस इंसान को और उसके पूरे परिवार को अल्लाह अपनी हिफाज़त अता फ़रमाते हैं।
● आयतुल कुर्सी इन हिंदी पढ़ने वाले घर मे कभी भी बुरी चीजों का डर भी नही मंडराता है। उसके चारों ओर गलत ताकतें और अल्लाह के भेजे हुए फरिश्ते रहते हैं।
● अगर कोई इंसान अपने घर मे अकेला हो उसे डर लग रहा हो, और उसे अल्लाह का सहारा चाहिए हो तो उसे आयतुल कुर्सी पढ़नी चाहिए। अल्लाह उसके हर खौफ को दूर कर उसे अमन और सुकून अता फ़रमाएगा।
● कोई इंसान अगर सुबह सुबह आयतुल कुर्सी की तिवालत करता है तो वह इंसान पूरे दिन अल्लाह तआला की हिफाज़त में रहता है। उसका पूरा दिन अल्लाह की निगरानी में और अच्छे कामो को करने में बीतता है।
● जब कोई इंसान घर से निकलते समय आयतुल कुर्सी (Ayatul Kursi in Hindi) की तिवालत करता है, अल्लाह उसकी हिफाज़त के लिए अपने फरिश्तों की जमात को उसके साथ भेज कर अपनी रहमत अता फ़रमाते हैं। वह इंसान अल्लाह के फरिश्तों की निगरानी में रहकर खुद को महफ़ूज पाता है।
● आयतुल कुर्सी इन हिंदी की तिलावत करने के अनगिनत फायदे होते हैं। जो शख्स आयतुल कुर्सी की तिलावत रोजाना किया करता है उसके घर , रिश्तेदारों और सभी पहचान वालों पर अल्लाह बरकत अता फरमाते हैं।
● एक बार किसी सहबी ने हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम की बारगाह में जाकर कहा कि मेरे घर मे किसी भी चीज में बरकत नही हो रही है। तब हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम ने फरमाया कि जो कोई भी अपने खाने पर आयतुल कुर्सी की तिवालत करता है उस घर मे बरकत जरुर होती है। हर खाने की चीज को खाने से पहले अल्लाह के आगे आयतुल कुर्सी की तिवालत में रखने से अल्लाह उस घर मे बरकत अता फ़रमाते हैं।
● अगर कोई शख्स हर रोज़ आयतुल कुर्सी की तिवालत करेगा तो अल्लाह उसकी मौत के वक्त उसे आसानी अता फरमाएंगे।
● जब कोई इंसान अपने मरहमों के लिए आयतुल कुर्सी की तिवालत करता है, तो अल्लाह उसके मरहमो में नूर अता फ़रमाते हैं।
● आयतुल कुर्सी (Ayatul Kursi in Hindi) की फ़ज़ीलत में बहुत सी हदीसें हैं। जिनसे यह मालूम पड़ता है कि आयतुल कुर्सी इन हिंदी को पढ़कर कैसे अल्लाह पढ़ने वाले की हिफाज़त करते हैं और उसकी पूरी जिंदगी को अपने निगरानी में रखकर आसान कर उसे जन्नत की ओर चलने की राह में आसानी अता फ़रमाते है। इससे उसके और जन्नत के दरमियान जो भी मुकम्मल बातें हैं वह सब साफ हो जाती हैं और आखिरकार इंसान को अल्लाह जन्नत में जाने का मौका अता फ़रमाते हैं।
● हर चीज की कोई न कोई बुलंदी होती है। और कुरान की बुलंदी-सूरह-बकराह है। जिसमे एक सूरह सबकी सरदार है वो है आयतुल कुर्सी इन हिंदी। जिसे भी लगता है कि उसके आस पास कोई भी गलत ताकत हैं या वह किसी गलत हवा का शिकार हो रहा है तो उसे आयतुल कुर्सी की तिवालत कर लेनी चाहिए। अल्लाह हर बुरी नजर, और ताकतों सेउसे निजात अता फरमाएंगे।
● आयतुल कुर्सी की सबसे ज्यादा अज़मत वाली आयत मे बताया गया है कि जिसके हाथ मे भी रसूल अल्लाह ( हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम) की जान है , इस आयतुल कुर्सी की ज़बान होगी। यह अर्श बादशाह की हकीकी की तकदिस बयां करेगी एयर अर्श के पाये से लगी हुई होगी।
Conclusion | आयतुल कुर्सी इन हिंदी
आज आपने पढ़ी, Ayatul Kursi in Hindi. और जाना आयतुल कुर्सी का अर्थ (Ayatul Kursi Meaning in Hindi), और आपने आयतुल कुर्सी इन हिंदी को पढ़ने के बहुत सारे फायदे भी जाने। आशा करते हैं आपको आज की हमारी यह पोस्ट पसन्द आयी होगी, और इससे बहुत कुछ सींखने को मिला, ऐसी ही अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहे हमारे साथ।